अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

कश्मीर मोसुल की राह पर

Written By: AjitGupta - Jul• 17•17

कल इराक का शहर मोसुल एक चैनल पर दिखाया जा रहा था। इस्लामिक स्टेट का कब्जा अब खाली करवा लिया गया है। लोग वहाँ वापस आ रहे हैं, धरती को चूम रहे हैं। वहाँ के लगभग 10 लाख लोगों को वापस बसाया जाएगा। एक-एक घर खण्डहर में बदल चुका है, उसे वापस खड़ा करना कितना कठिन होगा? मोसुल की दशा देखकर कश्मीर दिखायी देता है, क्या इसके भाग्य में भी मोसुल जैसा विनाश लिखा है? जब मोसुल में इस्लामिक स्टेट घुसा था तो लोगों को एतराज नहीं हुआ होगा, शायद उनका स्वागत भी किया होगा। जेहाद धर्म का हिस्सा है और इसका स्वागत तो करना ही चाहिये। कश्मीर में भी आज यही हो रहा है, जेहाद के नाम पर इस्लामिक स्टेट अपने पैर पसार रही है और बची-खुची कश्मीरीयत उनका स्वागत कर रही है। कश्मीरी सेना पर पत्थर बरसा रहे हैं और आतंकियों का फूलों से स्वागत कर रहे हैं। एक दिन यह जन्नत जहन्नुम में बदल जाएंगी तब समझ आएगा कि हमने क्या कर डाला है?
सीरीया कभी जीरे का विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक देश था, आज नष्ट हो रहा है। हम भी कहेंगे कि केसर की घाटी केसर विहीन हो गयी है। कश्मीर के वाशिंदे तो जेहाद की अफीम चाटकर पत्थर फेंकने में मशगूल हैं लेकिन शेष देशवासी तो मोसुल को देख रहे हैं, उन्हें तो कश्मीर को बचाने के लिये आगे आना होगा। वहाँ की कश्मीरीयत तो कश्मीरी पंडितों के साथ ही पलायन कर गयी थी, अब जो शेष है केवल सम्प्रदाय विशेष है। यह सम्प्रदाय यदि जिहाद के रंग में रंग गया तो कश्मीर को मोसुल बनने से कोई नहीं रोक सकेगा। अभी भी समय है, चेत जाओ। मोसुल के नागरिक अपने शहर लौट रहे हैं, धरती पर माथा रगड़ रहे हैं, उसे प्रणाम कर रहे हैं। कल तक कहते थे कि यह धरती हमारी माँ नहीं है, हम किसी देश को माँ का दर्जा नहीं दे सकते, आज मोसुल वासी धरती पर माथा रगड़ रहे हैं। यदि अपना देश है तो हम है, जिस दिन अपना देश छूटेगा, उस दिन हम उस चूहे की तरह हो जाएंगे जिसे उड़ती चील अपने पंजों में दबोच लेती है। कश्मीर पर संकट मंडरा रहा है, उसे समय रहते मोसुल बनने से रोकना होगा।
#हिन्दी_ब्लागिंग

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