अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for March, 2017

हमारी फरियाद है जमाने से

कोई कहता है कि मुझसे मेरा बचपन छीन लिया गया कोई कहता है कि मुझसे मेरा यौवन छीन लिया गया लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि किसी ने कहा हो कि मुझसे मेरा बुढ़ापा छीन लिया गया है। लेकिन मैं आज कह रही हूँ कि मुझसे मेरा बुढ़ापा छीन लिया गया है। सबकुछ छिन […]

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नरेन्द्र से विवेकानन्द की भूमि को नमन

जिस धरती ने विवेकानन्द को जन्म दिया वह धरती तो सदैव वन्दनीय ही रहेगी। हम भी अब नरेन्द्र ( विवेकानन्द के संन्यास पूर्व का नाम) की भूमि को, उनके घर को नमन करना चाह रहे थे। हम जीना चाह रहे थे उस युग में जहाँ नरेन्द्र के पिता विश्वनाथ दत्त थे, उनकी माता भुवनेश्वरी देवी […]

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नदी के मुहानों पर बसा सुन्दरबन

कोलकाता या वेस्ट-बंगाल के ट्यूरिज्म को खोजेंगे तो सर्वाधिक एजेंट सुन्दरबन के लिये ही मिलेंगे, हमारी खोज ने भी हमें सुन्दरबन के लिये आकर्षित किया और एजेंट से बातचीत का सिलसिला चालू हुआ। अधिकतर पेकेज दो या तीन दिन के थे। हमारे लिये एकदम नया अनुभव था तो एकाध फोरेस्ट ऑफिसरों से भी पूछताछ की […]

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ठाकुर जी को भोग

कोलकाता यात्रा में कुछ यादगार पल भी आए, लेकिन सोचा था कि इन्हें अंत में लिखूंगी लेकिन ऐसा कुछ घटित हो गया कि उन पलों को आज ही जीने का मन कर गया। गंगासागर से वापस लौटते समय शाम का भोजन मेरी एक मित्र के यहाँ निश्चित हुआ था, लेकिन हम दो बजे ही वापसी […]

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गंगासागर एक बार – सारे तीर्थ बार-बार

कोलकाता की यदि जन-जन में पहचान है तो वह गंगासागर के कारण है। गंगोत्री से निकलकर गंगा यहाँ आकर सागर में समा जाती है। गंगासागर की यात्रा कठिन यात्राओं में से एक है। लेकिन जैसै-जैसे आवागमन के साधनों में वृद्धि हुई है, वैसे-वैसे यात्रा सुगम होने लगी है। लेकिन फिर भी मानवीय अनुशासनहीनता के कारण […]

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