कल मैंने दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक पति की लाचारी की दास्तान लिखी थी, सभी ने बेचारे पति पर तरस खाने की बात लिखी। अब मैं अपना पक्ष लिखती हूँ। आजादी के बाद घर में पुत्र का जन्म थाली बजाकर, ढिंढोरा पीटने का विषय होता था और माँ-दादी पुत्र को कलेजे के टुकड़े की तरह […]
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