अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for August 9th, 2017

दिल इतना बड़ा कीजिये कि दुनिया समा जाये

मन का दोगलापन देखिये, कभी मन कहता है कि अकेलापन चाहिये और कभी कहता है कि अकेलापन नहीं चाहिये। कभी कहता है कि अकेलापन तो चाहिये लेकिन केवल अपनी चाहत के साथ का अकेलापन चाहिये। हम अपनी पसन्द का साथ चाहते हैं, बस उसी के लिये सारी मारा-मारी करते हैं। दुनिया भरी पड़ी है लेकिन […]

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