सोमनाथ का इतिहास पढ़ रही थी, सेनापति दौड़ रहा है, पड़ोसी राजा से सहायता लेने को तरस रहा है लेकिन सभी की शर्ते हैं। आखिर गजनी आता है और सोमनाथ को लूटकर चले जाता है। कोई “अपना” सहायता के लिये नहीं आता, सब बारी-बारी से लुटते हैं लेकिन किसी की कोई सहायता नहीं करता! इतना […]
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भ्रष्टाचार का प्रथम गुरु
बचपन की कुछ बाते हमारे अन्दर नींव के पत्थर की तरह जम जाती हैं, वे ही हमारे सारे व्यक्तित्व का ताना-बाना बुनती रहती हैं। जब हम बेहद छोटे थे तब हमारे मन्दिर में जब भी भगवान के कलश होते तो माला पहनने के लिये बोली लगती, मन्दिर की छोटी-बड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिये […]
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