अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for July 30th, 2018

बड़प्पन की चादर उतार दीजिए ना

लोग अंहकार की चादर ओढ़कर खुशियाँ ढूंढ रहे हैं, हमने भी कभी यही किया था लेकिन जैसे ही चादर को उठाकर फेंका, खुशियाँ झोली में आकर गिर पड़ीं। जैसे ही चादर भूले-भटके हमारे शरीर पर आ जाती है, खुशियाँ न जाने कहाँ चले जाती हैं! अहंकार भी किसका! बड़प्पन का। हम बड़े हैं तो हमें […]

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