अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for November 23rd, 2018

सावधान पार्थ! सर संधान करो

ऐसी कई कहावतें हैं जिनके प्रयोग पर मुझे हमेशा से आपत्ति रही है, उनमें से एक है – निन्दक नियरे राखिये, आंगन कुटी छवाय। बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय। विद्वान कहने लगे हैं कि अपने निन्दक को अपने पास रखो, उसके लिये आंगन में कुटी बना दो। लेकिन मैं कहती हूँ कि अपने […]

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