अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for December 19th, 2018

काश हम एक नहीं अनेक होते

काश हम एक ही नहीं होते तो कम से कम सुरक्षित तो रहने की सम्भावनएं बनी रहती। अभी भी कुछ टुकड़े हो जाएं तो बचाव का मार्ग बचा रह सकता है नहीं तो सारा हिन्दुस्थान नाम लेने को भी नहीं बचेगा।

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