अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for April, 2019

अब न्याय होगा?

किसी ने न्याय को देखा है क्या? विकास को भी तो नहीं देखा था ना! प्रजा के किसी अदने से बंदे ने राजा को ललकार दिया, तत्काल सर कलम कर दिया गया, राजा ने कहा कि हो गया न्याय! न्याय का निर्धारण राजा की पसन्द से होता है। जो राजा के हित में हो बस […]

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इस बार वोट पकौड़ों के नाम

कहावत है कि दिल्ली दिलवालों की है, जब दिलवालों की ही है तो चटपटी होना लाजमी है। चटपटी कहते ही चाट याद आती है और चाट के नाम से ही मुँह में पानी आता है। मुँह में पानी आता है मतलब आपकी स्वाद ग्रन्थियाँ सक्रिय हो रही हैं। स्वाद ग्रन्थियाँ सक्रिय होती है तो जो […]

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भेड़िये ने खाल उतार दी है

कल कांग्रेस का घोषणा पत्र घोषित हुआ, बहुत आलोचना हो रही है लेकिन मुझे नया कुछ नहीं लग रहा है। कांग्रेस की राजनीति स्पष्ट है, उनके समर्थक भी भलीभांति समझते हैं इसलिये ही दृढ़ता के साथ उनके पीछे खड़े रहते हैं। राजनीति का अर्थ होता है राज करने की नीति। एक राजनीति होती है – […]

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अब भगीरथ की बारी

टाटा स्काई और नेटफ्लेक्स ने समानान्तर फिल्में बनाकर अपनी दुनिया खड़ी की है। नेटफ्लेक्स का तो मुझे अनुभव नहीं है लेकिन टाटा स्काई की बॉलीवुड प्रीमियर को काफी दिनों से देख रही हूँ। छोटे बजट की छोटी फिल्में बना रहे हैं और कहानी भी हमारी जिन्दगी के आसपास ही घूमती है। परसो एक फिल्म आ […]

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