मेरे देश में साम्प्रदायिकता कहीं खो गयी है, मैं उसे हर बिल में खोज चुकी हूँ, गली-मौहल्ले में भी नहीं मिली, आखिर गयी तो गयी कहाँ? यह तो छिपने वाली चीज थी ही नहीं, देश की राजनीति में तो यह शाश्वत बन गयी थी! भला ऐसा कौन सा चुनाव होगा जब यह शब्द ही ब्रह्मास्त्र […]
Read the rest of this entry »Archive for May, 2019
तीन पीढ़ी की माँ
आज सुबह से ही मन अपने अन्दर बसी माँ को ढूंढ रहा है। ढूंढते-ढूंढते कभी अपनी माँ सामने खड़ी हो जाती है, कभी अपनी बेटी सामने होती है तो कभी अपनी बहु सामने आ जाती है। तीन पीढ़ियों की तीन माँ की कहानी मेरे अन्दर है। एक माँ थी जिसे पता ही नहीं था कि […]
Read the rest of this entry »गाँधीजी का देश के साथ झूठ का प्रयोग!
सत्य के प्रयोग – गाँधी इन्हीं प्रयोगों के नाम से प्रसिद्ध हैं। वे सत्य के प्रयोग अपने ऊपर करते रहे लेकिन वे देश के ऊपर झूठ के प्रयोग कर बैठे। मैं गाँधी की प्रशंसक रही हूँ लेकिन जब गाँधी उपनाम को लेकर चर्चा चली तब एक बात ध्यान में आयी कि यह गाँधीजी का उपनाम […]
Read the rest of this entry »यह ब्लेकमेलिंग नहीं तो क्या है?
यह ब्लेकमेलिंग नहीं तो क्या है? खुले आम हो रही है ब्लेकमेलिंग, सबसे ज्यादा मीडिया कर रहा है ब्लेकमेलिंग। कई दिन पुराना साक्षात्कार कल सुना, मीडिया की एक पत्रकार मोदीजी से प्रश्न करती है कि आपने मुस्लिमों के लिये क्या किया, क्यों आपसे मुस्लिम दूरी बनाकर रखते हैं? मोदीजी ने उत्तर दिया – एक घटना […]
Read the rest of this entry »देगची खदबदा रही है, फूटने का इंतजार भर
सेकुलर बिरादरी और मुस्लिम बुद्धिजीवी दोनों ही होच-पोच होने लगे हैं। अन्दर ही अन्दर देगची में ऐसा कुछ पक रहा है जिससे इनकी नींद उड़ी हुई है। महिलाएं आजाद होने की ओर कदम बढ़ाने लगी हैं। कभी तीन तलाक सुर्खियों में आता है तो कभी बुर्का! पुरुषों का अधिपत्य पर पत्थर फेंकना ही बाकी रह […]
Read the rest of this entry »