अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for June, 2019

नेहरू – शेख अब्दुल्ला और कश्मीर?

किताबों के पन्ने पलटने का खेल बहुत खतरनाक है, वह भी इतिहास की किताबें। अब इतिहास तो तुम्हारे पुरखे ही लिख गये थे, तुम्हारे अपने लोग ही बता गये कि उनके काल में क्या घटा था! बस तुमने कभी पढ़ा नहीं और आज ये पढ़कर आ गये। जैसे-जैसे इतिहास के पन्ने पलटते गये, संसद में […]

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मिट्टी पलीद करवा ली ना!

मिट्टी पलीद कराना किसे कहते हैं, यह देखना हो तो कल राज्यसभा में देखना चाहिये था। मोदीजी हेडमास्टर बने हुए थे और सामने फैल हो गयी कांग्रेस की क्लास थी। अब मोदीजी डाँट रहे थे कि तुमको इस आसान प्रश्न का भी उत्तर नहीं आया? सरदार वल्लभ भाई  पटेल भी याद नहीं रहे तुमको! क्लास […]

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एक पुरुष भीगे नयनों से देख रहा था प्रलय प्रवाह

आपको चेहरे पर यह मायूसी! आपका चेहरा गमगीन! आपका चेहरा मुरझाया हुआ! आप तो मक्कारी के लिये जाने जाते हैं, आप तो आँख मारने के लिये पहचाने जाते हैं, आप तो नुक्कड़ के लौण्ड़ों-लपाड़ों जैसी हरकत के लिये जाने जाते हैं! फिर भला यह मक्कारी कहाँ गायब है? आपके चारों तरफ जो घेरा था, वह […]

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खानदान पुराना और खानसामा नया

खानदान पुराना और खानसामा नया मणि नाम का साँप वापस अपने बिल से निकला, चारों तरफ देखा कि बाढ़ का पानी उतर तो गया है ना? कहीं जंगल में मोर तो नाच नहीं रहें हैं ना? आश्वस्त हुआ फिर बिल से बाहर आया। नहीं, कोई खतरा नहीं। जैसे ही बिल से थोड़ा दूर ही चला […]

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