अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for June 27th, 2019

एक पुरुष भीगे नयनों से देख रहा था प्रलय प्रवाह

आपको चेहरे पर यह मायूसी! आपका चेहरा गमगीन! आपका चेहरा मुरझाया हुआ! आप तो मक्कारी के लिये जाने जाते हैं, आप तो आँख मारने के लिये पहचाने जाते हैं, आप तो नुक्कड़ के लौण्ड़ों-लपाड़ों जैसी हरकत के लिये जाने जाते हैं! फिर भला यह मक्कारी कहाँ गायब है? आपके चारों तरफ जो घेरा था, वह […]

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