शर्माजी की पत्नी बगुले की तरह एक टांग पर खड़े होकर घर के काम कर-कर के तपस्या कर रही थी, उसकी एक नजर पतिदेव पर भी थी कि अब यह नौकरी से सेवानिवृत्त होने वाले हैं तो इनके हाथ में भी झाड़ू-फटका पकड़ा सकूंगी जिससे मेरे काम का बोझ कम हो सकेगा। लेकिन वह सोचती […]
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