अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for the 'kavita' Category

कविता – बचपन के पन्ने मेरे हाथों में

इक बंद पिटारी खोली तो कुछ गर्द उड़ी कुछ सीलन थी कुछ पन्ने उड़कर हाथ आ गए इक बूंद आँख से तभी गिरी बूंदों के अन्दर तैर गई मेरे अतीत की सारी रेखाएं। गर्द हटी तो काले अक्षर थे दिल को छू छूकर मुझमें समा गए।   पन्नों को हाथों में थामा तो सहलाने पर […]

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सब पूछ रहे हैं कि धूप कब निकल रही? – अजित गुप्‍ता

राजस्‍थान में कड़कड़ाती ठण्‍ड ने सभी को पस्‍त कर रखा है। उदयपुर में जहाँ खुशनुमा सर्दी रहती है इस बार यहाँ भी 3.5 डिग्री तापमान रिकोर्ड किया गया। माउण्‍ट आबू जो राजस्‍थान का एकमात्र हिल-स्‍टेशन हैं वहाँ तो तापमान माइनस 6 डिग्री तक चले गया। सभी की इंतजार में है धूप। धूप निकले और बाहर […]

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बिटिया क्या है? मन की धड़कन? मन की खुशबू या फिर हमारा नवीन रूप?

 बहुत दिनों से कोई कविता पोस्‍ट नहीं की थी, बस गद्य ही लिखती रही। संगीता स्‍वरूपजी ने कहा कि कोई कविता पोस्‍ट करें तो सोचने लगी कि कौन सी कविता पोस्‍ट करी जाए? पेज-मेकर खोला गया और सबसे पहले ही एक कविता पर नजर पड़ी और मैं उसमें खो गयी। मुझे लगा कि मैंने इसे […]

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