अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

कुछ गर्द उड़ी कुछ सीलन थी

आज बन्‍द पल्‍ले खोलने का अवसर दीमक ने दे दिया। कहीं नुकसान ना हो जाए इस डर से अल्‍मारी की फाइलें बाहर निकाल दी गयीं। सोचा कि पुरानी यादों का सफर अब समाप्‍त कर ही देना चाहिए। छटनी को तैयार फाइलों को जैसे ही हाथ में लिया, लगा कि अतीत सामने आकर खड़ा हो गया […]

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