अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

पहाड़ों के बीच बसा अलसीगढ़

मनुष्य प्रकृति की गोद खोजता है, नन्हा शिशु भी माँ की गोद खोजता है। शिशु को माँ की गोद में जीवन मिलता है, उसे अमृत मिलता है और मिलती है सुरक्षा। बस इंसान भी इसी खोज में आजीवन जुटा रहता है। बचपन छूट जाता है लेकिन जहाँ जीवन मिले, जहाँ अमृत मिले और जहाँ सुरक्षा […]

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उदयपुर का सौन्दर्य – उभयेश्वरजी के पर्वत

यहाँ जिन्दगी कभी शान्त सी दिखायी देती है तो कभी उत्सवधर्मिता से परिपूर्ण। पहाड़ की चोटी पर जितनी फुर्ति से बकरी चढ़ जाती है, उसी फुर्ति से यहाँ मनुष्य पहाड़ को लांघ लेता है। चारों तरफ पहाड़ और पहाड़ की ही सल्तनत फैली है यहाँ चारों ओर। हरे-भरे भी और मनुष्य की नासमझी को दर्शाते […]

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मेरे शहर में —–

हर रोज ऐसी सुबह हो – अठखेलियां करता झील का किनारा हो, पगडण्‍डी पर गुजरते हुए हम हो, पक्षियों का कलरव हो, सूरज मंद-मंद मुस्‍कराता हुआ पहाड़ों के मध्‍य से हमें देख रहा हो, हवा के झोंकों के साथ पक रही सरसों की गंध हो, कहीं दूर से रम्‍भाती हुयी गाय की आवाज आ रही […]

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पिछोला झील में नाव उतारी – अब कचरा नहीं बचेगा

              झीलों के शहर में हो घर अपना – यह सपना किसका नहीं होता? पानी से लबालब झीले हों, पहाड़ हों और सुन्‍दर सा छोटा सा शहर हो, बस यही तो चाहिए जीवन के लिए। यदि यह सब मिल जाए तो स्‍वर्ग की कामना कौन करे? हम उदयपुर वासियों  […]

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