अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

मैं इस बात से आहत हूँ

#संजयसिन्हा की एक कहानी पर बात करते हैं। वे लिखते हैं कि मैंने एक बगीचा लगाया, पत्नी बांस के पौधों को पास-पास रखने के लिये कहती है और बताती है कि पास रखने से पौधा सूखता नहीं। वे लिखते हैं कि मुझे आश्चर्य होता है कि क्या ऐसा भी होता है? उनकी कहानियों में माँ […]

Read the rest of this entry »