अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

कहीं जीवित आवाज थम ना जाए!

अभी चार-पाँच दिन पहले एक फोन आया, अनजान नम्बर था तो सोचा कि कोई ना कोई व्यावसायिक हितों से जुड़ा फोन होगा तो अनमने मन से बात की लेकिन कुछ देर में लगा कि नहीं यह व्यावसायिक नहीं कुछ सामाजिक सरोकारों का फोन है। आवाज आयी की मैं आपको अपनी दो पुस्तकें भेजना चाहता हूँ, […]

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