अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

मन तड़पत गुरु दर्शन को आज

हीरे को तराशकर जब बाजार में उसका मूल्य निर्धारित किया जाता है तब हीरे को तराशने वाले का मूल्यांकन भी होता है। इसी प्रकार व्यक्ति का मूल्यांकन भी उसके तराशने वाले पर निर्भर करता है और उस तराशने वाले व्यक्ति को गुरु कहा जाता है। अपने जीवन में झांककर देखिये कि आपको कितने गुरु मिले, […]

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