अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

शरीर की आवश्‍यकताएं और उनका आधुनिक प्रबंधन

घटना कुछ माह पुरानी है। मैं रेलमार्ग से उदयपुर से दिल्‍ली जा रही थी। अभी गाडी चलने में पर्याप्‍त समय था और मैं अपनी बर्थ पर आसन जमा चुकी थी। डिब्‍बे में बड़ी चहल-पहल थी, एक दल उदयपुर घूमने आया था और वे अपनी शय्‍याओं का प्रबंध कर रहा था। कुछ उनके पास थी और […]

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