अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

नो त्याग – नो आग।

त्याग और आग का चोली-दामन का साथ है। त्याग रूपी घी जब अग्नि को समर्पित होता है तब आग धधक उठती है। अक्षम-वृद्ध नेता से कुर्सी के त्याग की बात करने पर चिता समान अग्नि, नेता के तन और मन को जलाने लगती है। यौवन से भरपूर मदमस्त पुरुष को काम का त्याग, विरह अग्नि […]

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