अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

हम से अब पराया केक खाया नहीं जाएगा

अभी बच्चे ने ऊआँ ऊआँ किया भी नहीं कि दादी ने अपने बटुवे से निकालकर कुछ रूपये नवजात के हाथ से छुआकर नर्स के हाथ में रख दिये। अधखुली आँखों से बच्चे ने यह देख लिया और जान लिया कि मैं इस दुनिया में कुछ देने आया हूँ। पहला जन्मदिन आया तब भी कुछ न […]

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