अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

दे थप्पड़ और दे थप्पड़

राष्ट्रमण्डल खेलों का जुनून सर चढ़कर बोल रहा है और लिखने के लिये समय नहीं निकाल पा रही हूँ, लगता है बस खेलों की यह चाँदनी चार दिन की है तो जी लो, फिर तो उसी अकेली अँधेरी रात की तरह जिन्दगी है। कल शूटिंग के मुकाबले चल रहे थे, महिला शूटिंग में श्रेयसी सिंह […]

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