अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

शेष स्मृति चिह्न है नाभि

संतान के जन्म के साथ ही हम माँ से संतान को अलग करने के लिये नाभिनाल को काट देते हैं लेकिन नाभि का चिह्न हमें याद दिलाता है कि हमारा शरीर किसी सांचे में रहकर ही निर्मित हुआ है। नाभि-दर-नाभि पीढ़ियों का निर्माण होता है और अदृश्य कड़ियां विलुप्त होती जाती हे, बस रह जाती […]

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