अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

लेखन और पठन का अपना ही मिजाज होता है

लेखन का भी जैसे एक मिजाज होता है वैसे ही पढ़ने का भी अपना ही मिजाज होता है। हमारी सुबह तय करती है कि आज क्‍या लिखा जाएगा या क्‍या हमारा मन पढ़ने को करेगा। इंटरनेट खोलने पर अनेक लेख, कविता, कहानी आदि हमारे सामने आकर बिखर जाते हैं लेकिन हमारा मन बस कभी कहीं […]

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