अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

यह दो मिनट का लेखन और पठन धीमा जहर ही है

बस दो मिनट के खाद्य पदार्थों ने जैसे हमारे शरीर को रोगी बना दिया है वैसे ही दो मिनट के लेखन और पठन ने हमारी मानसिकता को विकृत किया है। कुछ दिनों से मुझे स्‍वयं पर क्रोध आने लगा है, न जाने कैसे-कैसे असभ्‍य शब्‍द दिमाग में अपनी जगह बनाने में सफल हो रहे हैं। […]

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