अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

हे भगवान! मुझे दुनिया का सबकुछ दे दो

  भगवान का दरबार लगा है, मतलब मन्दिर सजा है। सैकड़ों भक्‍त कतार में लगे हैं। सभी हाथ जोड़े, आँख मूंदे, प्रार्थना कर रहे हैं। भगवान के जो सबसे समीप जा पहुँचा है, वह राजनेता बनने की जुगत बिठा रहा है। हे भगवान बस मुझे एक बार टिकट दिला दे, तो कैसे वारे-न्‍यारे करता हूँ, […]

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