अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

सपनों का अन्तर

पूना की सब्जीमण्डी, फल और सब्जियों से लदे हुये मण्डी के आंगन। कहीं सब्जी से लदे ट्रक आ रहे थे तो कहीं वापस लदकर जा रहे थे। मण्डी में ट्रक, ऑटो की भरमार थी, शायद इन सबके पास मण्डी में आने का लाइसेंस था, हमें तो हमारी गाडी मण्डी के बाहर ही रखनी थी। कहीं […]

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