अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

मधुशाला की हाला

मधुशाला को तो हम प्यार से गुनगुना लेते हैं लेकिन जब उदरस्थ की हुई हाला सड़क पर लोट-पोट करवाती है तब यही प्यार घृणा में बदल जाता है। इस हाला और मधुशाला के शिकार सभी बनते हैं, यह ना गरीब देखती है और ना अमीर। शायद सच्चा सेकुलरवाद यहीं हैं। रात 9.30 बजे का समय […]

Read the rest of this entry »