अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

यही जीवन है, यही सफलता है और यही सुख है

यही जीवन है, यही सफलता है और यही सुख है मैं अपनी जिन्दगी की जाँच-परख करती रहती हूँ, कभी दूसरों की नजरों से देखती हूँ तो कभी अपनी नजरों से। आप भी आकलन करते ही होंगे कि क्या पाया और क्या खो दिया। मेरे सोचने का ढंग कुछ बेढंगा सा है, मैं सोचती हूँ कि […]

Read the rest of this entry »