अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

कहां गयी वो गरमा-गरम बहसें?

कभी नारीवाद के नाम पर, कभी राष्‍ट्रवाद के नाम पर, कभी सत्ता की नजदीकियों के कारण, कभी अन्‍ना हजारे और रामदेव आन्‍दोलन के कारण ऐसे ही न जाने कितनी बहसें हम ब्‍लाग पर करते आए थे। लेकिन आज सभी खामोश हैं। क्‍या बहस चुक गयी या फिर उसे निरर्थक मान लिया गया? या शायद सभी […]

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