अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

राग पैदा करो – वैराग्य आ जाएगा

कल अपनी एक मित्र से फोन पर बात हो रही थी, वे बोली की दुनिया की इन्हीं बातों के कारण मुझे वैराग्य हो गया है। पता नहीं क्यों यह शब्द मुझे कई पलों तक झकझोरता रहा और आखिर किसी दूसरी बात में लपेटकर मैंने कहा कि मैं तो राग की बात करती हूँ, आज राग […]

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