अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

निरर्थक सदवचनों से समाज का वीरत्‍व समाप्‍त हो गया है

  कतिपय सदवाक्‍य, हमें अंधकार में धकेल रहे हैं अभी एक सदवाक्‍य पढ़ा – don’t find fault, find a remedy. चिकित्‍सकीय भाषा में एक बात कही जाती है – रोग का निदान हो जाए तो चिकित्‍सा हो जाती है। समाज, परिवार और व्‍यक्ति का रोग यदि हमें समझ आ जाए तो उसका ईलाज करना आसान […]

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