अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for April, 2020

दोनों जीवन देख लिये

पुराने जमाने में विलासिता का प्रदर्शन दो जगह होता था – एक राजमहल तो दूसरा किसी गणिका का कोठा। हर आदमी लालायित रहता था कि कैसे भी हो एक बार राजमहल देख लिया जाए! इसी प्रकार जैसे ही जवानी की दस्तक हुई नहीं कि मर्द सोचने लगता था कि इस गणिका के कोठे पर नृत्य […]

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आते रहा करो

निंदक टाइप के लोग बड़े कमाल के होते हैं, किसी की बाल की खाल निकालनी हो तो ये ही याद आते हैं। क्या मजाल ऐसे बन्दे किसी की तारीफ कर दें, कोई ना कोई अवगुण निकाल ही लेते हैं। आप कहेंगे कि इसमें क्या कमाल है, मैं कहती हूँ की कमाल ही कमाल है। तभी […]

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बाहर आदमी है

न जाने कब से एक बात सुनी जा रही है – महिला को कहा जा रहा है कि अन्दर रहो, बाहर आदमी है! रात को बाहर मत आना क्योंकि बाहर आदमी है! दिन को भी मुँह छिपाकर आना क्योंकि बाहर आदमी है! अपने शरीर की अंगुली भी मत दिखाना क्योंकि बाहर आदमी है! चारों तरफ़ […]

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