अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for the 'Uncategorized' Category

छायादार पेड़ की सजा

मेरे घर के बाहर दो पेड़ लगे हैं, खूब छायादार। घर के बगीचे में भी इन पेड़ों की कहीं-कहीं छाया बनी रहती है। कुछ पौधे इस कारण पनप नहीं पाते और कुछ सूरज की रोशनी लेने के लिये अनावश्यक रूप से लम्बे हो गये हैं। एक दिन माली ने कहा कि इन पेड़ों को आधा […]

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कबाड़ ना बन जाए ज़िन्दगी!

मेरी मिक्सी के एक जार में मामूली सी खराबी आ गयी, बेटी-दामाद घर आए हुए थे, वे बोले कि मैं नयी मिक्सी आर्डर कर देता हूँ। मैंने कहा कि इतनी सी खराबी और नयी! एक बार रिपेयर-शॉप पर जाओ, दस मिनट में ठीक हो जाएगी। खैर, मेरे कहने पर वे शॉप पर गये और मात्र […]

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बजट के बहाने यूँ ही

मेरा बजट भगवान बनाता है। कितना सुख और कितना दुख का लेखा-जोखा उसी के हाथ है। मेरी सारी संचित समृद्धि का बजट भी भगवान ही बनाता है। इस साल तुम इस व्यक्ति के लिये अपना अर्थ का उपयोग करोगी और उस व्यक्ति से वसूल करोगी! सभी कुछ तो भगवान के हाथ में है। मेरी इच्छाएं […]

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भगवान हर पल साथ हैं

फेसबुक पर एक कहानी चल रही है – एक दिन भगवान के साथ। एक युवक के पास एक दिन भगवान पहुँच जाते हैं और पूरा दिन उसके साथ रहते हैं। युवक के व्यवहार में पूर्णतया परिवर्तन आ जाता है क्योंकि उसे लग रहा था कि भगवान मुझे देख रहे हैं। ना गाली दी गयी, ना […]

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झाड़ू-फटके से बचने को काम की तलाश!

शर्माजी की पत्नी बगुले की तरह एक टांग पर खड़े होकर घर के काम कर-कर के तपस्या कर रही थी, उसकी एक नजर पतिदेव पर भी थी कि अब यह नौकरी से सेवानिवृत्त होने वाले हैं तो इनके हाथ में  भी झाड़ू-फटका पकड़ा सकूंगी जिससे मेरे काम का बोझ कम हो सकेगा। लेकिन वह सोचती […]

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