हमारी सामाजिक मान्यताएँ पीपल के पेड़ के समान होती हैं, पेड़ चाहे सूख गया हो लेकिन उसकी जड़ें बहुत गहराई तक फैली होती हैं। वे किसी हवेली के पुराने खण्डहर में से भी फूट जाती हैं। छोटे शहर की मानसिकता सामाजिक ताने-बाने में गुथी रहती हैं, हम कई बार महानगरों में पहुँचकर वहाँ की चाल […]
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रोटी
अभी कुछ साल पहले की बात है, मैं अमेरिका में थी, भोजन बना रही थी। तभी बेटे का मित्र आ गया, मैंने भोजन के लिये उसे भी बैठा दिया। वह बोला कि मैं केवल एक रोटी खाऊंगा। खैर मैंने उस दिन मिस्सी रोटी बनायी थी, तो दोनों को परोस दी। मैं मिस्सी रोटी कुछ मोटी […]
Read the rest of this entry »घाव है तो हँसिये
मुँह का एक छाला होता है, जिसे मेडीकल भाषा में Aphthous ulcer कहते है। मैंने इस छाले को बहुत झेला है। कारण ढूंढा तो पता लगा कि मानसिक तनाव से होता है। अब जिसने संघर्षों से ही भाग्य को गुदवाया हो, वह तनाव तो झेलेगा ही! लेकिन मुझे जैसे ही समझ आया कि यह छाला […]
Read the rest of this entry »शाबाश अमेरिकी पुलिस
अमेरिकी पुलिस का एक चित्र कल वायरल हो रहा था- घुटने पर बैठकर क्षमायाचना करते हुए। यह चित्र पुलिस का धैर्य और समन्वय प्रदर्शित करता है। सत्ता का मद और शक्ति का प्रदर्शन कभी भी शान्ति स्थापित नहीं कर सकता। श्रेष्ठ शासक हमेशा धैर्यवान होता है, वह प्रत्येक परिस्थिति में समन्वय बैठाकर चलता है। कल […]
Read the rest of this entry »नफ़रत सौंप रहे हैं हम
अमेरिका में नफ़रत का बाज़ार गर्म है। रंगभेद की नफ़रत को न जाने कौन-कौन सी ताक़तें हवा दे रही हैं! एक सिपाही आम नागरिक को पैर तले कुचल देता है और आम नागरिक अमेरिका में आग लगा देता है। यह दो रंगों के बीच बोयी गयी नफ़रत है जो सैंकड़ों सालों से पनप रही है। […]
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