चौंकिए मत। राम को वनवास मिला और वे जिस दिन अयोध्या वापस लौटे, उस दिन दीपावली मनी। कौशल्या के दुलारे राम, या किसी माँ के लाड़ले बेटे का आगमन दीपावली ही तो मनाता है। भारत के लाखों माँओं के लाल आज विदेशों में हैं। विदेशों में दिसम्बर मास में ही छुट्टियों का योग सर्वाधिक बनता […]
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बच्चों और वृद्धों के लिए डे-केयर सेंटर
कभी बचपन लड़खड़ाकर चलता था तब एक वृद्ध हाथ उसकी अंगुली पकड़ लेता था और जब कभी वृद्ध-घुटने चल नहीं पाते थे तब यौवन के सशक्त हाथ लाठी का सहारा देकर उन्हें थाम लिया करते थे। एक तरफ घर में जिद्दी दादा जी हुआ करते थे, वे जो भी चाहते थे वही घरवालों को करना […]
Read the rest of this entry »सादगी से भरा बंगाली विवाह
अभी 29 नवम्बर को एक विवाह में सम्मिलित होने भोपाल गए थे। समधियों के यहाँ लड़की की शादी थी। बारात बंगाली परिवार की थी। बारात शाम को पाँच बजे आने वाली थी तो हम सब दरवाजे पर उनके स्वागत के लिए आ खड़े हुए। मुझे किसी काम से दो मिनट के लिए पण्डाल में जाना […]
Read the rest of this entry »अंग्रेजी खूनी पंजे-2
भारत में अकाल पड़ने का इतिहास हमेशा मिलता रहा है। लेकिन मृत्यु का इतना बड़ा आंकड़ा अंग्रेजों के काल में ही उपस्थित हुआ। गरीब जनता की मृत्यु इसलिए नहीं हुई कि देश में अन्न की कमी थी। जनता की मृत्यु इसलिए हुई कि अन्न इंग्लैण्ड जा रहा था। भारत में एक तरफ अकाल पड़ा हुआ […]
Read the rest of this entry »अंग्रेजी खूनी पंजे
अभी अदा जी की एक पोस्ट आयी, हमारी राष्ट्रपति के इंग्लैण्ड दौरे को लेकर। भाई प्रवीण शाह ने अपनी टिप्पणी में लिखा कि अंग्रेजों ने हमें बहुत कुछ दिया है। मैं यहाँ अंग्रेजों ने हमें कैसे लूटा है उसका ब्यौरा दे रही हूँ। यह आलेख मेरी पुस्तक “सांस्कृतिक निबन्ध” से लिया है, उसके कुछ अंश […]
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