अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for the 'america' Category

अमेरिका को कैसे अपनाएं? भाग 2

अब आते हैं अपने दिन और रात पर। केलिफोर्निया के सेनोजे शहर में सुबह जल्‍दी ही हो जाती थी। भारत में जून महिना भरपूर गर्मी भरा रहता है लेकिन यहाँ मौसम बेहतर था। सुबह की भोर ठण्‍डक लिए होती थी तो जैसे-जैसे दिन चढ़ता था, धूप में तेजी आती जाती थी। लेकिन रात होते ही […]

Read the rest of this entry »

अमेरिका को कैसे अपनाएं?

अमेरिका जाने का इसबार तीसरा अवसर था। वहाँ की कोई बात करूं इससे पहले अपने जीवन में थोडा़ पीछे चलते हैं। आपने किसी से प्रेम किया था? या आपके मन में आपके जीवनसाथी की एक विशिष्‍ट कल्‍पना थी? इसके विपरीत आपका प्रेम या आपकी कल्‍पना साकार रूप ना ले सकी हो तब ऐसे में आपने […]

Read the rest of this entry »

स्‍वामी विवेकानन्‍द के सांस्‍कृतिक नवजागरण में महिलाओं का योगदान

स्‍वामी विवेकानन्‍द की 150वीं जन्‍मशताब्‍दी वर्ष पर विशेष स्‍वामी विवेकानन्‍द बाल्‍यकाल से ही सांस्‍कृतिक एवं आध्‍यात्मिक नवजागरण के प्रखर चिंतक रहे हैं। बाल्‍यकाल में राम-सीता के युगल रूप की आराधना करते हुए, भक्‍त प्रहलाद और नचिकेता सहित अनेक पौराणिक आदर्शों का नाट्य मंचन उनके प्रतिदिन के कार्यकलापों में निहित था। उनके अन्‍तर्मन में संन्‍यास के […]

Read the rest of this entry »

अमेरिका में घरेलू उपाय और आयुर्वेद का परामर्श देते हैं वहाँ के चिकित्‍सक

अमेरिका में रहते हुए थोड़ी तबियत खराब हो गयी, सोचा गया कि डॉक्‍टर को दिखा दिया जाए। भारत से चले थे तब इन्‍शोयरेन्‍स भी करा लिया था लेकिन अमेरिका आने के बाद पता लगा कि इस इन्‍श्‍योरेन्‍स का कोई मतलब नहीं, बेकार ही पैसा पानी में डालना है। मेरा भानजा भी वहीं रेजिडेन्‍सी कर रहा […]

Read the rest of this entry »

अब मैं वापस भारत जा रही हूँ जहाँ मेरा एक नाम और एक परिचय है

America  में रहते हुए दो माह बीत चले हैं और अब दो दिन बाद वापसी है। मन बहुत चंचल हो रहा है, अपने देश की जमीन को छूने के लिए। उस हवा को अपने अन्दर भर लेने को, जिस हवा से मेरा निर्माण हुआ था। आपका जन्मनस्थ‍ल क्यों आपको पुकारता है? जब भारत में थी […]

Read the rest of this entry »