अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

मृत्‍यु का सैलाब और अपनों के हाथ में तराजू

मृत्‍यु अरी चिर-निद्रे ! तेरा अंक हिमानी सा शीतल तू अनंत में लहर बनाती, काल जलधि की सी हलचल। – जयशंकर प्रसाद   भाई नहीं रहा ! यह सूचना है या फिर काल जलधि की हलचल। मन के अनन्‍त में एक लहर सी उठती है, एक शून्‍य बन जाता है। मन का एक कोना टूटकर […]

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