अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

बतंगड़ या समाधान

हम अपने-अपने सांचों में कैद हैं, हमारी सोच भी एक सांचे में बन्द है, उस सांचे को हम तोड़कर बाहर ही नहीं आना चाहते। कितना ही नुकसान हो जाए लेकिन हमारी सोच में परिवर्तन नहीं होता, कभी हमें पता भी होता है कि हम गलत तर्क के साथ खड़े हैं तब भी हम वहीं खड़े […]

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