अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

मृत्यु संस्कार है – कौतुहल का विषय नहीं

बहुत दिनों से मन की कलम चली नहीं, मन में चिंतन चलता रहा कि लेखन क्यों? लेखन स्वयं की वेदना के लिये या दूसरों की वेदना को अपनी संवेदना बनाने के लिये। मेरी वेदना के लेखन का औचित्य ही क्या है लेकिन यदि कोई ऐसी वेदना समाज की हो या देश की हो तब वह […]

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