अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

संताप से भरे पुत्र का पत्र

कल एक पुत्र का संताप से भरा पत्र पढ़ने को मिला। उसके साथ ऐसी भयंकर दुर्घटना हुई थी जिसका संताप उसे आजीवन भुगतना ही होगा। पिता आपने शहर में अकेले रहते थे, उन्हें शाम को गाड़ी पकड़नी थी पुत्र के शहर जाने के लिये। सारे ही रिश्तेदारों से लेकरआस-पड़ोस तक को सूचित कर दिया गया […]

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