अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

सच से भागते हम

सच सुन्दर भी है, सच बदसूरत भी है, सच शीतल भी है, सच ज्वलनशील भी है। सच शाश्वत है, सच का उद्घाटन अवश्यम्भावी है। सच छिप सकता है लेकिन गुम नहीं हो सकता। सच पर आवरण आ सकता है लेकिन नष्ट नहीं हो सकता। फिर भी अफसोस कि मनुष्य सच को छिपाने के प्रयास में […]

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