अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for July 26th, 2019

आखिर प्रेम का गान जीत ही गया

एक फालतू पोस्ट के  बाद इसे भी पढ़ ही लें। लोहे के पेड़ हरे होंगे तू गान प्रेम का गाता चल यह कविता दिनकर जी की है, मैंने जब  पहली बार पढ़ी थी तब मन को छू गयी थी, मैं  अक्सर इन दो लाइनों को गुनगुना लेती थी। लेकिन धीरे-धीरे सबकुछ बदलने लगा और लगा […]

Read the rest of this entry »