मेरा बजट भगवान बनाता है। कितना सुख और कितना दुख का लेखा-जोखा उसी के हाथ है। मेरी सारी संचित समृद्धि का बजट भी भगवान ही बनाता है। इस साल तुम इस व्यक्ति के लिये अपना अर्थ का उपयोग करोगी और उस व्यक्ति से वसूल करोगी! सभी कुछ तो भगवान के हाथ में है। मेरी इच्छाएं […]
Read the rest of this entry »