अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

उदयपुर का सौन्दर्य – उभयेश्वरजी के पर्वत

यहाँ जिन्दगी कभी शान्त सी दिखायी देती है तो कभी उत्सवधर्मिता से परिपूर्ण। पहाड़ की चोटी पर जितनी फुर्ति से बकरी चढ़ जाती है, उसी फुर्ति से यहाँ मनुष्य पहाड़ को लांघ लेता है। चारों तरफ पहाड़ और पहाड़ की ही सल्तनत फैली है यहाँ चारों ओर। हरे-भरे भी और मनुष्य की नासमझी को दर्शाते […]

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