अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for April, 2017

तू इसमें रहेगा और यह तुझ में रहेगा

प्रेम में डूबे जोड़े हम सब की नजरों से गुजरे हैं, एक दूजे में खोये, किसी भी आहट से अनजान और किसी की दखल से बेहद दुखी। मुझे लगने लगा है कि मैं भी ऐसी ही प्रेमिका बन रही हूँ, चौंकिये मत मेरा प्रेमी दूसरा कोई नहीं है, बस मेरा अपना मन ही है। मन […]

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काश पैसा भी बासी होने लगे

हमारी एक भाभी हैं, जब हम कॉलेज से आते थे तब वे हमारा इंतजार करती थीं और फिर हम साथ ही भोजन करते थे। उनकी एक खासियत है, बहुत मनुहार के साथ भोजन कराती हैं। हमारा भोजन पूरा हो जाता लेकिन उनकी मनुहार चलती रहती – अजी एक रोटी और, हम कहते नहीं, फिर वे […]

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कोई शर्त होती नहीं प्यार में

पूरब और पश्चिम फिल्म का एक गीत मुझे जीवन के हर क्षेत्र में याद आता है – कोई शर्त होती नहीं प्यार में, मगर प्यार शर्तों पे तुमने किया ……। लड़की के रूप में जन्म लिया और पिताजी ने लड़के की तरह पाला, बस यही प्यार की पहली शर्त लगा दी गयी। हम बड़े गर्व […]

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इस गर्मी को नमन

और अंतत: आज एक तारीख को गर्मी ने एलान कर ही दिया कि मैं आ गयी हूँ। अब से अपने कामकाजी समय में परिवर्तन कर लो नहीं तो मेरी चपेट में आ सकते हो। स्कूल ने अपने समय बदल लिये, क्योंकि नन्हें बच्चे गर्मी की मार कैसे सहन कर सकेंगे। अस्पतालों ने भी समय बदल […]

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