आज सुबह से ही मन अपने अन्दर बसी माँ को ढूंढ रहा है। ढूंढते-ढूंढते कभी अपनी माँ सामने खड़ी हो जाती है, कभी अपनी बेटी सामने होती है तो कभी अपनी बहु सामने आ जाती है। तीन पीढ़ियों की तीन माँ की कहानी मेरे अन्दर है। एक माँ थी जिसे पता ही नहीं था कि […]
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