अजित गुप्ता का कोना

साहित्‍य और संस्‍कृति को समर्पित

Archive for September, 2018

स्त्री पूर्ण पवित्र है, हर पल पवित्र है

कल एक और फैसला आया लेकिन पुरुषों ने इसपर ज्यादा तूफान नहीं मचाया। क्यों नहीं मचाया? क्योंकि इन्हें लगा कि यह मामला केवल सबरीमाला मन्दिर में महिलाओं के प्रवेश का है तो हमें क्या? लेकिन यह मामला केवल मन्दिर में प्रवेश का नहीं है। यह मामला है महिला की पवित्रता का। ना जाने कब से […]

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बिना मालिक के भी कोई जीवन है?

हाय रे हाय, कल मुझसे मेरा मालिक छिन गया! कितना अच्छा तो मालिक था, अब मैं बिना मालिक के कैसे गुजरा करूंगी? मेरी आदत मालिक के पैरों में लौटने की हो गयी थी, उसकी जंजीर से बंधे रहने की आदत हो गयी थी। मैं किताब हाथ में लेती तो मालिक से पूछना होता, यदि कलम […]

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पाकिस्तान की ये सुन्दर लड़कियां क्या संदेश दे रही हैं?

अभी एशिया कप क्रिकेट हो रहा है, स्थान है संयुक्त अरब अमीरात। दुबई के प्रसिद्ध स्टेडियम पर मैच चल रहा है, कैमरामैन रह-रहकर पाकिस्तानी सुन्दर लड़कियों पर सभी का ध्यान खींचता है। लोग सी-सी कर उठते हैं, कोई कह रहा है कि ये हमारे मुल्क में क्यों नहीं हुई, कोई कह रहा है कि काश […]

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मोगली को मनुष्य बताने में गलत क्या है?

मोगली की कहानी तो आपको याद ही होगी, क्या कहा, ध्यान नहीं है! जंगल-जंगल पता चला है, चड्डी पहनके फूल खिला है, याद आ गयी ना। तो एक कहानी थी कि एक मनुष्य परिवार का बच्चा जंगल में गुम हो गया। भेड़ियों के झुण्ड को वह बच्चा मिलता है और वे उसे पालने का निश्यच […]

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स्वयंसेवक स्वयंभू संघ बन गया

एक युग पहले हम सुना करते थे कि आचार्य रजनीश ने स्वयं को भगवान माना। सदी बदल गयी तो हमारे लिये युग बदल गया। फिर भगवान घोषित होने और करने का सिलसिला शुरू हो गया। कहीं खुद भगवान बन जाते तो कहीं शिष्य भगवान घोषित कर देते। आखिर भगवान क्यों बनना? हमने सर्व गुण सम्पन्न […]

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